इस शहर का भोलेनाथ से खास कनेक्शन!
उत्तराखंड में वैसे तो कई मंदिर और शहर हैं उन्हीं में से एक खूबसूरत शहर है गुप्तकाशी.
रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में मंदाकिनी नदी के किनारे यह शहर बसा हुआ है.
धार्मिक दृष्टिकोण से गुप्तकाशी में विश्वनाथ मंदिर और अर्धनारीश्वर मंदिर विशेष महत्व रखते हैं.
विश्वनाथ मंदिर के निकट ही बाई ओर से गुप्त गंगा और दाई ओर से गुप्त यमुना बहती है जिनका मिलन मणिकर्णिका कुंड में होता है.
उत्तरकाशी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शंकर प्रकट हुए थे, इसलिए उन्हें प्रकट काशी के नाम से जाना जाता है.
जबकि रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में भोलेनाथ गुप्त हो गए थे, इसलिए यह गुप्तकाशी कहलाता है.
महाभारत के युद्ध के बाद जब पांडव भगवान शिव की खोज में निकले थे, तब भगवान शिव हिमालय के इसी गुप्तकाशी नामक स्थान पर ध्यान मग्न थे.
यहीं से उन्होंने नंदी रूप धारण किया और अंतर्ध्यान हो गए या यूं कहें कि गुप्त हो गए.
तब से इस स्थान को गुप्तकाशी के नाम से जाने जाना लगा.
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