रूपये इकठ्ठे करने का ऐसा जुनून, कि राजेश कोठारी को बना दिया खास. आइए जानते हैं, 

राजस्थान के राजेश कोठारी को नोटों को इकठ्ठा करने का जुनून है.

राजेश कोठारी ने 2005 में नोटों को सहेजने का कार्य शुरू किया था.

राजेश कोठारी बताते है कि अलग-अलग जिलों और राज्यों से जब लोग यहां हमारी दुकान पर ज्यूस पीने आते हैं.

मेरे कलेक्शन को देखकर लोग हैरान रह जाते है और मुझे एग्जीबिशन  लगाने के लिए ऑफर करते है.

राजेश कोठारी के पास 1950 से पहले तक के सारे पुराने नोट पड़े है.

उनके पास जन्म तारीख से लेकर, मोबाइल नम्बर, गाड़ियों के नम्बर  सीरीज के नोट भी मिल जायेंगे.

जोधपुर के राजेश कोठारी हाथों में नोट आते ही,  सबसे पहले नोट की संख्या देखते हैं.

दुकान पर अंग्रेजों के जमाने से लेकर राजा महाराजाओं के जमाने के नोट सहेज  रखे हैं.

राजेश कोठारी का कहना है, नोट जमा करने का मुख्य करण यह  है कि आने वाली पीढ़ी को  इस बारे में जानकारी मिल सके.

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