नारायण के इस मंदिर से है भगवान नृसिंह मंदिर का खास नाता, जानें रहस्य 

देवभूमि उत्तराखंड में पांच बद्री स्थित हैं, जिनकी अलग-अलग मान्यताएं हैं. 

उन्हीं में से एक हैं भविष्य बद्री, जहां भविष्य में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन होंगे.  

साथ ही इस मंदिर का संबंध जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर से भी है.  

चमोली के जोशीमठ से 30 किमी दूर तपोवन मोटर मार्ग पर सुभाई गांव है. 

जहां आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित भविष्य बद्री मंदिर स्थित है.  

मान्यता है कि वर्तमान में जब बद्रीनाथ मार्ग पर जय विजय पहाड़ आपस में जुड़ जाएंगे.   

तब जोशीमठ नृसिंह मंदिर में विराजमान भगवान नृसिंह की मूर्ति खंडित हो जाएगी. 

तब भगवान बद्रीनाथ के दर्शन भविष्य बद्री में होंगे, जो तपोवन मार्ग पर है. 

जंगल के बीच एक पत्थर पर धीरे-धीरे भगवान के स्वरूप की आकृति उभर रही है.