कब हुई थी बजट की शुरुआत
कब हुई थी बजट की शुरुआत
आपने कई बार अंतरिम बजट शब्द सुना होगा. क्या आप इसका इतिहास जानते हैं
आपने कई बार अंतरिम बजट शब्द सुना होगा. क्या आप इसका इतिहास जानते हैं
1 फरवरी, 2024 को जो बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी वह अंतरिम बजट होगा
1 फरवरी, 2024 को जो बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी वह अंतरिम बजट होगा
अंतरिम बजट का मतलब ऐसे बजट से है, जिसमें सरकार वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए अपने Estimated Expenses के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है
अंतरिम बजट का मतलब ऐसे बजट से है, जिसमें सरकार वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए अपने Estimated Expenses के लिए संसद की मंजूरी हासिल करती है
अंतरिम बजट केंद्र सरकार उस वर्ष पेश करती है, जिस साल चुनाव यानी लोकसभा के चुनाव होते हैं
अंतरिम बजट केंद्र सरकार उस वर्ष पेश करती है, जिस साल चुनाव यानी लोकसभा के चुनाव होते हैं
अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी
अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी
हर पांच साल में लोकसभा के चुनाव होते हैं. 2019 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था
हर पांच साल में लोकसभा के चुनाव होते हैं. 2019 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था
पूर्व वित्त मंत्री RK Shanmugam Chetty ने पहली बार अंतरिम बजट शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने आजादी के बाद देश का दूसरा बजट पेश किया था
पूर्व वित्त मंत्री RK Shanmugam Chetty ने पहली बार अंतरिम बजट शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने आजादी के बाद देश का दूसरा बजट पेश किया था
आम तौर पर यह माना जाता है कि अंतरिम बजट पेश करने वाली सरकार का भविष्य तय नहीं होता है, जिससे इसमें बड़े ऐलान नहीं किए जाते है
आम तौर पर यह माना जाता है कि
अंतरिम बजट
पेश करने वाली सरकार का भविष्य तय नहीं होता है, जिससे इसमें बड़े ऐलान नहीं किए जाते है
ऐसा माना जाता है कि चुनाव के बाद जो नई सरकार बनेगी वह बाद में पूरा बजट पेश करती है
ऐसा माना जाता है कि चुनाव के बाद जो नई सरकार बनेगी वह बाद में पूरा बजट पेश करती है
भारत में केंद्रीय बजट ने लंबा सफर किया है. कई अहम पड़ावों से गुजरते हुए आज यह Present रूप में पहुंचा है
भारत में केंद्रीय बजट ने लंबा सफर किया है. कई अहम पड़ावों से गुजरते हुए आज यह Present रूप में पहुंचा है
समय के साथ बजट के जरिए सरकार अपनी योजनाएं लागू करती रही है. सरकार योजनाएं लागू करने के लिए जरूरी संस्थाएं भी बनाती रही है
समय के साथ बजट के जरिए सरकार अपनी योजनाएं लागू करती रही है. सरकार योजनाएं लागू करने के लिए जरूरी
संस्थाएं
भी बनाती रही है
ऐसे ही एक संस्था का ऐलान 1950-51 के बजट में किया गया था. उसका नाम Planning Commission था
ऐसे ही एक संस्था का ऐलान 1950-51 के बजट में किया गया था. उसका नाम Planning Commission था
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इसका नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया गया
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इसका नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया गया
वित्त वर्ष 1954-55 का बजट भी खास है. यह इसलिए कि इस बजट में सरकार ने उद्योगों को लोन देने के लिए एक अलग Financial Institution बनाने का ऐलान किया था
वित्त वर्ष 1954-55 का बजट भी खास है. यह इसलिए कि इस बजट में सरकार ने उद्योगों को लोन देने के लिए एक अलग Financial Institution बनाने का ऐलान किया था