यहां बहन बनती है 'दूल्हा', भाभी से करती है शादी, भाई के लिए लाती है पत्नी!

गुजरात के सुरखेड़ा, सनादा और अंबाल गावों में शादी की अनोखी परंपरा है.

इन गांवों की शादी में दूल्हे के उपस्थित होने की जरूरत नहीं होती है.

बल्कि दूल्हे की अविवाहित बहन या फिर परिवार की कोई भी अविवाहित स्त्री ही शादी करती है.

इन तीनों गांवों के कुल देवता अविवाहित थे.

उन्हें सम्मान देने के लिए शादी के वक्त दूल्हे को घर पर ही रखा जाता है.

ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे कुल देवता का श्राप दूल्हे पर ना लगे.

लड़का दूल्हे की वेशभूषा में तैयार होता है. शेरवानी पहनता है, साफा लगाता है.

मगर अपनी ही शादी में नहीं जाता, मां के साथ घर पर रहता है.

दूल्हे की बहन बारात लेकर जाती है, दूल्हन को सिंदूर लगाती है, मंगलसूत्र पहनाती है.