शादी में क्यों लिए जाते हैं सात फेरे? ज्योतिषी से जानें सब 

सनातन धर्म के 16 संस्कारों में से एक विवाह का संस्कार भी होता है. 

विवाह के संस्कार 7 फेरे लेना भी एक महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है.  

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम ने इस पर जानकारी दी है. 

सनातन धर्म में पति-पत्नी के संबंध को सात जन्मों का संबंध बताया गया है.  

जिस प्रकार अग्नि के सात रंग होते हैं, भगवान सूर्य के रथ में सात घोड़े होते हैं.  

ठीक उसी प्रकार विवाह में सात वचन लिए जाते हैं.  

शादी में पति-पत्नी सात फेरे लेते हैं जिसमें सात वचन पत्नी के होते हैं. 

मनुष्य सात जन्मों तक इन सात फेरे से गुजरता है. 

इस कारण वर-वधू को सात जन्मों का साथी भी कहा गया है.