विधानसभा स्पीकर बने

नरेंद्र सिंह तोमर

Rohit Jha/News

सबसे वरिष्ठ सदस्य को स्पीकर चुना जाता है

ध्वनिमत से विधायक अपनी स्वीकृति देते हैं

स्पीकर का काम विधानसभा की कार्रवाई को चलाना होता है

सभा की व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होती है

सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हैं

जब स्पीकर मौजूद नहीं होता है तो उपाध्यक्ष सदन संचालित करता है

सभी सदस्य स्पीकर का सम्मान करते हैं और उनकी हर बात ध्यान से सुनते हैं

स्पीकर अगली सरकार के बनने तक इस पद पर रहता है

स्पीकर को पद से हटाने के लिए सदन में प्रस्ताव लाना होता है

इसके लिए 14 दिन पूर्व ही नोटिस दिए जाने का नियम है

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