इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों को लगा झटका

इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों को लगा झटका

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में टैक्स-सेविंग के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने वालों को झटका दिया था

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा टैक्स-फ्री होता था

बजट 2023 में वित्तमंत्री ने कहा था कि सालाना 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का मैच्योरिटी अमाउंट टैक्सेबल होगा

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के इस ऐलान से इंश्योरेंस कंपनियों को भी बड़ा झटका लगा था

1 अप्रैल, 2023 से पहले लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की मैच्योरिटी पर बोनस सहित मिलने वाली पूरी रकम इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 10 के तहत टैक्स-फ्री होती थी

ULIP पॉलिसीज पर भी पहले टैक्स-छूट मिलती थी. लेकिन इसे फाइनेंस एक्ट, 2021 में खत्म कर दिया गया था

अब नियम यह है कि सिर्फ व्यक्ति की Death की स्थिति को छोड़कर 1 फरवरी, 2021 को या उसके बाद जारी की गई ULIP पॉलिसी का प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पर टैक्स लगेगा 

उसके बाद जारी की गई ULIP पॉलिसी का प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है तो उस पर टैक्स लगेगा

अगर एक से ज्यादा पॉलिसीज हैं तो उन सभी पॉलिसीज का प्रीमियम 2.5 लाख रुपये से कम होना चाहिए

बजट 2023 में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट पर टैक्स Exemption वापस लेने की एक बड़ी वजह थी

अमीर लोग इस Exemption का दुरूपयोग कर रहे थे

सेक्शन 10 के तहत मिलने वाले इस Exemption का फायदा उठाने के लिए वे ज्यादा प्रीमिमय वाली पॉलिसी को खरीदते थे

 पॉलिसी के मैच्योरिटी अमाउंट पर वे Exemption क्लेम करते थे. इस दुरूपयोग को रोकने के लिए वित्तमंत्री ने Exemption हटाया था