एक ऐसी जगह, जहां भगवान राम की कोई मूर्ति नहीं

 500 साल से ज्यादा का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है

इन दिनों अयोध्या का कण- कण राममय है

सरकार और मंदिर ट्रस्ट इसी कोशिश में हैं कि यहां आने वाले हर एक शख्स को ऐसा महसूस कराया जाए कि सच में वो इस वक्त त्रेता युग में है

अयोध्या में ही एक ऐसी जगह भी है, जहां चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ की समाधि है

 अयोध्या से करीब 12-15 Km की दूरी पर है. आजमगढ़ रोड से बाई ओर करीब एक Km अंदर बिल्वहरि घाट है 

यही वो जगह है, जहां राजा दशरथ की समाधि है. इस इलाके में ये इकलौती ऐसी जगह है. जहां भगवान राम की कोई मूर्ति नहीं है

मान्यता है कि यही वो जगह है, जहां उनके दो बेटों भरत और शत्रुघ्न ने उनका अंतिम संस्कार किया

इसी जगह पर अब एक मंदिर है. मंदिर के भीतर भगवान राम के जीवनकाल के बारे में सब कुछ बताया गया है

मंदिर के प्रांगण में सदियों पुराना एक वटवृक्ष और सफेद संगमरमर पत्थर की एक समाधि है, जो अयोध्या के महाराजा दशरथ की है

मोदी सरकार इस राजा दशरथ के इस समाधि स्थल को एक नया रूप और रंग दे दिया है