साधारण घास का तेल करेगा चर्म रोग दूर 

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कई जड़ी-बूटियां मिलती हैं. 

जिनका प्रयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है.  

इन जड़ी-बूटियों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं. 

ऐसा ही एक पौधा है कुणजा, जो पर्वतीय क्षेत्रों में उगता है.  

कुणजा के तेल का प्रयोग दाद, खाज, खुजली में होता है. 

कुणजा के तेल को बाजार में महंगे दामों पर भी बेचा जाता है.  

इसके तेल की कीमत 1200 रुपये प्रति लीटर है. 

कुणजा का वानस्पतिक नाम आर्टीमीसिया वलगेरिस है.  

कुणजा में औषधीय गुण होने के साथ एरोमा अर्थात सुगंध भी है.