महादेव का अनूठा धाम, दर्शन से पूरी होगी हर कामना

आज से करीब 7 हज़ार साल पहले द्वापर युग था. 

जिसमें एक दिव्य ज्योति के साथ शिव लिंग प्रकट हुआ था. 

शिव के इस मंदिर का वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है. 

यह शिवलिंग धनुष के आकार के नदी के बीच में स्थित है. 

इस शिवलिंग की पूजा भगवान राम से लेकर रावण तक ने की है.  

पांचों पांडवों ने भी यहां भगवान शिव की आराधना की थी.

प्रकट के समय शिवलिंग छोटा था, जो अब बड़ा आकार ले चुका है. 

मान्यता है कि इस शिवलिंग को कोई भी पकड़ नहीं सका है.   

जिसने इसे पकड़ने की कोशिश तब शिवलिंग का आकार खुद बढ़ जाता है.