कहा जाता है कि नदी में सिक्के डालने से हमारी मनोकामना पूरी होती है.
लेकिन यह परंपरा काफी पुरानी है.
हमारे पूर्वज नदियों में सिक्कों को किसी और वजह से डालते थे.
पहले के सिक्के तांबे के होते थे.
और तांबे के बर्तन पानी को शुद्ध करने का काम करते हैं.
यही सोचकर लोग पानी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए तांबे के सिक्के डालते थे.
और आज हम स्टेनलेस स्टील के सिक्कों को पानी में डाल रहे हैं.
यह परंपरा तो अभी तक नहीं बदली लेकिन इसका मकसद बदल गया है.
हम नदियों में सिक्के फेंकने के कारणों को मनोकामना का रूप दे चुके हैं.