अमेरिकी अदालत ने दिया, भारतीय बंधुओं को इंसाफ 

Moneycontrol News March 5, 2024

परिवार को अक्सर किसी भी व्यक्ति के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम माना जाता है. खासकर, तब जब कोई व्यक्ति विदेश में रहता है

ऐसी कई कंपनियां हैं जहां परिवार के सदस्य बिजनेस पार्टनर के तौर पर काम करते हैं. कभी-कभी ये परिवार संपत्ति और पैसे से जुड़े मुद्दों पर झगड़ते हैं

कुछ मामले तो ऐसे हैं जहां ये झगड़े कोर्ट के दरवाजे तक भी पहुंच गए हैं. ऐसा ही एक मामला अमेरिका में हुआ

जहां हरेश जोगानी नाम के एक भारतीय-अमेरिकी कारोबारी को अदालत ने अपने ही भाइयों को मुआवजे के रूप में 20,000 करोड़ रुपये देने के लिए कहा

भाईयों के बीच ये कानूनी लड़ाई लगभग 20 सालों तक चली है. आखिरकार, 20 साल बाद इस पर फैसला आ गया

इस मामले की खास बात यह है कि यह पिछले एक दशक में अमेरिका में कोर्ट में लिए गए सबसे बड़े फैसलों में से एक है

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के लॉस एंजिल्स में पांचों भाइयों ने अपने हीरे के कारोबार और रियल एस्टेट को लेकर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी

इनमें हरेश जोगानी आखिरकार इस विवाद में हार गए और उन्हें 2.5 अरब डॉलर यानी 20,000 करोड़ रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया गया

1990 के दशक में पूरा अमेरिका एक बड़ी मंदी से गुज़रा. उस समय शशिकांत जोगानी को भी व्यापार में भारी घाटा हुआ

इस घाटे से उबरने के लिए उन्होंने अपने भाइयों की मदद ली और हरेश, राजेश, शैलेश और चेतन को बिजनेस पार्टनर बनाया

इसके बाद सभी ने हीरे के कारोबार के अलावा रियल एस्टेट मार्केट में भी काम करना शुरू कर दिया

जैसे-जैसे समय बदला, हरेश जोगानी ने इस व्यापारिक साम्राज्य पर अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया और साझेदारी तोड़ दी

हरेश जोगानी ने सभी को जबरन हटा दिया और हिस्सा देने से इनकार कर दिया. तब उनके खिलाफ शशिकांत ने केस दर्ज कराया

कोर्ट ने हरेश को दोषी पाया और उसे हीरे की साझेदारी तोड़ने के लिए चेतन और राजेश को मुआवजे के रूप में 1,367 करोड़ रुपये देने के लिए कहा