बेशर्म के पौधे को आयुर्वेद में काफी महत्व दिया जाता है.
विषैला होने के बाद भी ये बेहद गुणकारी होता है.
ये एंटी बैक्टिरियल, एंटी माइक्रोबियल और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है.
पैरों की सूजन कम करने में ये बेहद कारगर माना जाता है.
कई वैद्य तो बिच्छू के काटने पर इसके दूध का इस्तेमाल करते हैं.
इससे बिच्छू का जहर शरीर में नहीं फैलता है.
ये पुराने घाव भरने में भी अचूक दवा की तरह का काम करता है.
इसके इस्तेमाल से त्वचा संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं.
आयुर्वेदिक डॉक्टर अनुराग अहिरवार ने ये जानकारी दी है.