जरूरी नहीं है कि स्मार्ट लोग यानि तेज दिमाग वाले लोग हमेशा तेज ही सोचते हैं.
ज्यादा बुद्धिमानी का स्कोर करने वाले लोग केवल सरल कार्यों में ही तेजी से से सोचते हैं.
वे कम आईक्यू वाले लोगों की तुलना में जटिल समस्याओं को सुलझाने में ज्यादा वक्त लेते हैं.
इनके मस्तिष्क के कई हिस्सों में आपस में तालमेल नहीं होता है.
यही कारण है कि वे अक्सर बहुत ही तेजी से या जल्दी में ही नतीजे निकालते हैं.
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लेकिन समस्या सुलझाने के मामले में ऐसा नहीं हो पाता है.
उनके दिमाग के बाकी हिस्सों में जरूरी जानकारी की प्रक्रिया तेज नहीं होती है.
पाया गया कि है धीमा मस्तिष्क अपने हिस्सों के साथ बेहतर तालमेल दिखाता है.
धीमे मस्तिष्क के निर्णय लेने वाले सर्किट लंबे समय में ज्यादा देर तक सक्रिय रहते हैं.