इस दिन से होगी होलाष्टक की शुरुआत !

17 मार्च से होलाष्ठक की शुरुआत हो जाएगी. 

 होलाष्टक को शोक या दु:ख का समय माना जाता है. 

इन दिनों में हिरण्याकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को कई तरह की यातनाएं दी थी. 

अंतिम दिन अपनी बहन होलिका के सहयोग से प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया था. 

इसी कारण इन दिनों को शुभ कार्य के लिए वर्जित माना जाता है.

होलाष्टक में सोलह संस्कारों मुंडन, गृह प्रवेश, सम्पत्ति को खरीदना व बेचना

विवाह कार्य के साथ सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. 

इस अवधि में पूजन, पाठ, फाग व भजन जरूर होते है.

होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से शुरू होता है, जो पूर्णिमा तक रहता है.