हर पगड़ी की होती है अपनी एक अलग पहचान, जानें!

साफा या पगड़ी का नाम सुनते ही पहला ख्याल राजस्थान का आता है.

यहां के लोगों के लिए ये न सिर्फ श्रृंगार बल्कि आत्मसम्मान भी है.

अलग-अलग साफा अपनी एक अलग पहचान रखता है.

केसरिया साफा शौर्य और वीरता का प्रतीक माना जाता है.

इस रंग के साफे को मंगलिक कार्यों में पहना जाता है.

रबारी समाज के लिए लाल रंग का साफा समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

सफेद रंग का साफा जिम्मेदारी व न्याय का प्रतीक होता है.

सतरंगी साफा जोश और जवानी का प्रतीक होता है.

खाकी साफा सहानुभूति का प्रतीक है.

मालानी क्षेत्र में अधिकांश बुजुर्ग खाकी साफा धारण करते हैं.