आखिरी कॉल

मरने से पहले

Rohit Jha/News

उमर अंसारी: पापा, आप ठीक हैं?

मुख्तार अंसारी: हां बाबू, हम ठीक हैं

उमर अंसारी: बस अल्लाह ने बचा लिया.. रमजान का पाक महीना चल रहा है

मुख्तार अंसारी: बेहोशी टाइप हो जा रहे हैं. कमजोरी लग रही है

उमर अंसारी: मैंने देखा न्यूज में आप कमजोर हो गए हैं. हम कोर्ट में हैं. मुलाकात की परमिशन करवा रहे हैं. दरोगा अंकल भी करवा रहे हैं. अगर परमिशन मिली तो मिलने आएंगे

मुख्तार अंसारी: हम बैठ नहीं पा रहे हैं. हम उठ नहीं पा रहे हैं

उमर अंसारी: जहर का असर दिख रहा है. सब जहर का असर है. हिम्मत कर पापा फोन कर लिया कीजिए. आपकी आवाज सुनकर अच्छा लगा

मुख्तार अंसारी: हां बाबू, बॉडी चली जाती है... रूह रह जाती है

उमर अंसारी: हिम्मत रखिए... अभी हज करना है... कोई और रहता तो मर गया होता अब तक

मुख्तार अंसारी: हम खड़े नहीं हो पा रहे हैं. व्हीलचेयर के सहारे हूं

उमर अंसारी: जल्द आप सेहतमंद होंगे

मुख्तार अंसारी: आज आए थे तो बेहोश हो गए थे

उमर अंसारी: वॉशरूम जा रहे हैं या नहीं आप?

मुख्तार अंसारी: दस दिन से वॉशरूम नहीं हो पा रहा है

उमर अंसारी: मैं आपके लिए जमजम लेकर आऊंगा.. खजूर लेकर आऊंगा... फल लेकर आऊंगा

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