बच्‍चा न‍िगल ले प‍िन या बैटरी तो तुरंत करें ये उपाय

ऐसी घटनाएं आपने अपने आसपास भी सुनी होंगी जब बच्‍चे खेलते वक्‍त कोई चीज न‍िगल जाते हैं.

नोएडा के चाइल्‍ड पीजीआई में पि‍छले 1 साल में 150 ऐसे मामले अस्‍पताल में आए हैं

गेस्ट्रोएंट्रोलॉज‍िस्‍ट डॉ. व‍िकास जैन के अनुसार 150 में से 125 मामलों में बच्‍चों की एंडोस्‍कोपी हुई.

इन केसों में बच्‍चों के बैटरी, चाबी, लॉकेट, सेफ्टीपिन, कांच का टुकड़ा आद‍ि मामले हैं. 

डॉ. व‍िकास जैन के अनुसार चीजें न‍िगलने के मामले 1 से 15 साल तक के बच्‍चों में आए हैं.

बच्‍चे अक्‍सर  ऐसी चीजें नि‍गलते हैं तो सांस की नली में या खाने की नली में जाकर फंसती है.

डॉ. के अनुसार ऐसी घटना के समय कभी भी बच्‍चे को जबरदस्‍ती उल्‍टी न कराएं.

यदि बच्‍चा बेहोश हो जाए तो उसे तुरंत बांयी करवट पर ल‍िटा दें. खुद चीज न‍िकालने की कोशिश न करें.

अगर ऐसी कोई घटना हो तो तुरंत डॉक्‍टर को द‍िखाएं ताकि हालात और न ब‍िगड़ें.