अनोखा है नालंदा यूनिवर्सिटी का इतिहास!

नालंदा विश्वविद्यालय एक प्रमुख शिक्षण केंद्र था.

यह दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय था.

यहां एक ही परिसर में शिक्षक और छात्र रहते थे.

यहां 2 अकेडमिक ब्लॉक थे जिनमें 40 क्लासरूम थे.

सम्राट कुमार गुप्त प्रथम ने 450 ई. में इसकी स्थापना की थी.

यहां के पुस्तकालय में 90 लाख से ज्यादा किताबें थी.

उस समय जिन विषयों की पढ़ाई यहां पर होती थी,

वो कहीं भी और नहीं पढ़ाए जाते थे. 

800 साल तक यह दुनिया के लिए ज्ञान का मार्ग था.

12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने इसे जला दिया था.