दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज की 9 खासियत, जानकर फटी रह जाएंगी आंखें 

चिनाब नदी पर बना पुल 359 मीटर ऊंचाई पर है, जो एफिल टॉवर से ज्‍यादा है. 

1.3 किलोमीटर लंबा ब्रिज 266 किमी लंबे रेलमार्ग का इकलौता लिंक है. 

इसे बनाने में 1,300 कामगारों और 300 इंजीनियरों को लगाया गया था.  

उत्‍तर भारतीय रेलवे को इसे बनाने के लिए 1,486 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े. 

इसे बनाने की शुरुआत 2002 में हुई और 2024 में 22 साल बाद तैयार हो सका. 

इस पुल के पास 266 किमी की स्‍पीड से हवा चलती है, जो तूफान से ज्‍यादा है.

यह पुल किसी भी तरह के भूकंप और खराब मौसम को सहने की क्षमता रखता है. 

इस ब्रिज के ऊपर से 100 किलोमीटर की स्‍पीड में ट्रेन को गुजारा जा सकता है. 

कमाल इस बात का है कि ब्रिज की लाइफ करीब 120 साल बताई जा रही है. 

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