अपने बच्चे के सुंदर भविष्य का सपना हर पेरेंट्स देखते हैं. इसके लिए वे दिन-रात मेहनत करते हैं

माता-पिता से जब बच्चों का भरोसा उठ जाता है, तब वहां से बात न मानने की परेशानियां शुरू होती हैं.

शोधों में यह पाया गया है कि बात न मानने की शिकायत सबसे ज्यादा टीनएज बच्चों के माता-पिता करते हैं.

कई बार पेरेंट्स बच्चे से इतनी तेज आवाज में बात करने लगते हैं कि बच्‍चों को यह समझ नहीं आता कि वे क्या करें.

ऐसाबच्चों को अंदर से कठोर बना देते हैं और वे खुद को हर वक्त डांट खाने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर लेते हैं

कई माता-पिता बच्चों की एक गलती होने पर उसे कई दिनों तक ताने मारते रहते हैं.

बच्चा कोई काम कर रहा है तो उसे बार-बार डिस्‍टर्ब ना करें और कमियां न निकालें.

कई माता-पिता बच्चे को संस्कारी और अनुशासन में रखने के लिए हाथ उठा देते हैं

ऐसे माता-पिता के प्रति बच्चों के मन में प्यार या रिस्पेक्ट नहीं रहता

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपकी बात माने तो आप भी उनकी इज्जत करें

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