हर मनोकामना पूरी करते हैं ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव!

अचलेश्वर महादेव ग्वालियर में शिवलिंग रूप में विराजमान है.

जिस जगह आज मंदिर है, वहां कभी 1 वट वृक्ष हुआ करता था. 

सिंधिया महाराज की सवारी महल से निकलकर गोरखी के लिए जाती थी. 

महाराज ने वृक्ष को कटवा दिया, वृक्ष के कटते ही वहां 1 शिवलिंग दिखा. 

जिसे वहां से हटाकर अन्य स्थान पर विराजमान करने का विचार किया.

काफी समय खुदाई करने के बाद भी शिवलिंग का अंत छोर नजर नहीं आया. 

शिवलिंग को जंजीरों से भी खिंचवाया, जिसके निशान आज भी शिवलिंग पर हैं.

भोलेनाथ राजा के सपने में आए, कहा मुझे वहीं रहने दो, हटाया तो अच्छा नहीं होगा.

राजा ने शिवलिंग निकालने के प्रयास बंद कर वहीं अचलेश्वर महादेव का मंदिर बनवाया.