कई प्रलय आईं, फिर भी मजबूती से खड़ा है भोलेनाथ 

हर साल भारी बारिश से ब्यास में बाढ़ के बाद भी मंदिर पर कोई असर नहीं होता.

सुकेती खड्ड और ब्यास नदी के संगम पर पानी पंचवक्त्र मंदिर में शिव का जलाभिषेक करता है.

15वीं सदी में राजा अजबर सेन ने भगवान शिव के पंचवक्त्र मंदिर बनवाया था. 

वर्ष 2023 में जलप्रलय में मंदिर के सिर तक पानी पहुंच गया था.

शिव के पंचवक्त्र यानी पांच मुख वाले इस मंदिर को 1717 में बाढ़ से नुकसान हुआ था.

राज सिद्ध सेन ने 1684 से 1727 के बीच मंदिर का रेनोवेशन किया था.

ऐसी कोई बरसात नहीं, जब ब्यास का पानी मंदिर के आंगन तक नहीं आता.

मंडी को छोटी काशी कहा जाता है, क्योंकि यहां पर 80 से अधिक मंदिर हैं.

मंडी जिले को हिमाचल प्रदेश का दिल भी कहा जाता है.

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