दिवाली के दिन शोक क्यों मनाती है भारत की ये जनजाति?

उत्तराखंड से लेकर बिहार तक के तराई इलाकों में थारू जनजाति के लोग रहते हैं.

ये नेपाल में भी रहते हैं. वहां इनकी जनसंख्या 15 लाख तक है, भारत में 1.7 लाख से ज्यादा है.

माना जाता है कि इस जनजाति का नाम राजस्थान के थार रेगिस्तान पर पड़ा है

क्योंकि जनजाति के वंशज राजस्थान के राजपूत माने जाते थे.

इस जनजाति के लोग दिवाली नहीं मनाते बल्कि वो इसे दिवारी कहते हैं.

इस दिन वो अपने पूर्वजों को याद करते हैं. जो रिश्तेदार दिवाली वाले दिन

सांकेतिक फोटो

दुनिया छोड़ गए, ये लोग उन्हें दिवाली पर याद करते हैं.

वो अपने स्वर्गवासी परिवार वालों के लिए एक पुतला तैयार करते हैं

और दिवारी के दिन उसे जलाते हैं. फिर वो सभी घरवालों को भोज पर बुलाते हैं.