रेंट एग्रीमेंट में प्रॉपर्टी का पता, मंथली रेंट, सिक्योरिटी डिपॉजिट जैसी तमाम जानकारी होती हैं।

अगर 11 महीने से ज्यादा के लिए किराए पर लिया जाता है तो लीज एग्रीमेंट का रजिस्ट्रेशन जरूरी है।

रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर कराने पर स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी पड़ती है। इस पर काफी खर्च आता है।

इस खर्च से बचने के लिए मकान मालिक और किराएदार रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं। 

रेंट एग्रीमेंट की ज्यादा वैल्यू नहीं होती है। इसे कोर्ट में सबूत के तौर पर नहीं पेश किया जा सकता है। 

रेंट एग्रीमेंट इसलिए 11 महीने के बनाए जाते हैं ताकि स्टैंप ड्यूटी और दूसरी तरह के चार्ज से बच सकें।