Ashutosh Asthana | OCT 22, 2024
दांतों को काला करने की प्रथा जापान और आसपास के एशियाई देशों में प्रचलित थी.
ये रिवाज हियान पीरियड में, 794 से लेकर 1185 के बीच का है.
इसे ओहागूरो मान्यता का नाम दिया गया था.
दांतों को काला करने से पता लग था कि युवक-युवतियां जवान हो रहे हैं.
प्राचीन जापान में दांतों को काला करना समझदारी और खूबसूरती की निशानी मानी जाती थी.
शाही परिवारों के लोग और समुराय अपने दांतों को हमेशा काला कर लेते थे.
दांतों को काला करने के लिए कानेमीजू पदार्थ को तैयार किया जाता था.
इसको बनाने के लिए लोहे की फिलिंग को सिरका, चाय, और चावल के वाइन में मिलाते थे.
ऑक्सीकरण होने पर वो लिक्विड अपने आप काला हो जाता था.