Ashutosh Asthana | OCT 26, 2024
आंखों में होने वाली जलन असल में कॉर्निया में होती है. पुतली की ऊपरी परत कॉर्निया होती है.
ये लेयर गर्दा, गंदगी, बैक्टीरिया या रोशनी को आंखों के अंदर जाने से रोकती है.
कॉर्निया में मौजूद सेल ऑक्सीजन को तोड़ता है जिससे Reactive Oxygen Species रिलीज होते हैं.
ये असंतुलित ऑक्सीजन युक्त मॉलिक्यूल होते हैं. इससे प्रोटीन, लिपिड और DNA डैमेज होता है.
कई रिसर्च से ये पता चला है कि कम सोने से शरीर में ROS की मात्रा बढ़ जाती है.
जलन होने का कारण यही ऑक्सीजन युक्त अणु होते हैं.
ये मॉलिक्यूल कॉर्निया की सेल को डैमेज कर देते हैं. कम सोने से ये कॉर्निया की सेल को मार देते हैं.
आंसू की परत विटामिन-C से बनी होती है. ये कॉर्निया को ROS डैमेज से बचाती है.
ये परत एंटी ऑक्सीडेंट भी रिलीज करती है जो इन मॉलिक्यूल को तोड़ते हैं.