साधु बनने के लिए छोड़ दी 27 लाख की नौकरी

महाराज धीरेंद्र वशिष्ठ ने अपना घर परिवार त्याग कर साधु बनने का फैसला किया. 

धीरेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि 36 साल की उम्र में उन्होंने साधु बनने का फैसला ले लिया था.

इससे पहले वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में 27 लाख रुपये की सालाना नौकरी कर रहे थे.

वह वर्ष 2013 में साधु बने और घर परिवार त्याग दिया.

फिर वे 2016 में रामभद्राचार्य महाराज के संपर्क में आए और उन्होंने लखनऊ को दोबारा लक्ष्मणपुरी बनाने का लक्ष्य दे दिया.

इसी उद्देश्य से भगवान श्री लक्ष्मण और मां उर्मिला के मंदिर का निर्माण लक्ष्मण पुरी धाम में हो रहा है.  

यह निर्माण श्री लक्ष्मण पीठ सेवा न्यास की ओर से कराया जा रहा है.

मंदिर का आधा काम हो चुका है. अगले दो साल के अंदर मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.

फिलहाल धीरेंद्र वशिष्ठ मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा में हैं.