बांस खाने में पांडा की मदद करता था ‘भ्रामक अंगूठा’
पांडा जब बांस पकड़ते हैं तो वे कलाई की बढ़ी हुई हड्डी का सहारा लेते हैं.
पांडाओं में इंसान की तरह सही तरह से विपरीत दिशा वाला अंगूठा विकसित ही नहीं हुआ.
इसकी जगह उनमें कलाई की हड्डी से निकला अंगूठे जैसा पोर का विकास हुआ था.
यह पोर 60-70 लाख साल पहले पनपा था, पर आज के मुकाबले काफी बड़े आकार का था.
पांडा में अंगूठे की तरह विकसित हुई कलाई की हड्डी रेडियल सीजमॉइड कहलाती हैं.
यह नया पोर जो अंगूठे का काम करता है, उसे फॉल्स थम्ब भी कहते हैं.
इसी वजह से पांडा का बांस खाने लगे जबकि वे मांसाहारी भालू परिवार के जानवर थे.
विशाल पांडा ने धीरे धीरे अपनी खुराक मांस और बेर की जगह बांस से बदल ली थी.
पांडा हाथ का उपयोग खाने और चलने में करते हैं जिससे अंगूठा विकसित नहीं हो सका.
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