रसोई में नहीं लग रहा 'तड़का'....

पिछले दो महीने में जीरे के भाव में खास उतार-चढ़ाव नहीं हुआ है.

रिटेल मार्केट में इसकी मांग कम होने से इसका भाव 60 हजार के आसपास बने हुऐ है. 

इससे किसानों को तो फायदा हो रहा है .

मगर जीरे के भावों ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है .

लोगों ने तड़के के लिए जीरे की जगह दूसरे विकल्प ढूंढ लिए है. 

तड़के में अब राई तथा प्याज का प्रयोग करने लगे है.

ज्यादा भाव बढ़ने के कारण आम आदमी के पहुंच से जीरा बाहर हो रहा है. 

जीरे की जगह लहसुन, प्याज तथा राई का उपयोग लेने लगे है.

जब तक नई फसल नहीं आएगी तब तक यहीं भाव बने रहेगें.