स्वाद के लिए फेमस है यह खास मिठाई

जैसलमेर ऐतिहासिक स्थलों, इमारतों और रेतीले धोरों के के बीच बसा मनोरम दृश्य वाला क्षेत्र है. 

जैसलमेर फिल्म शूटिंग, डॉक्यूमेंट्री शूटिंग के लिए निर्माता निर्देशकों की पहली पसंद है और उसमें पोखरण चुनिंदा जगहों में से एक है.

जो भी स्टार, नेता, अफसर या पर्यटक यहां आता है तो पोखरण की चमचम का स्वाद लिए बिना नहीं रह पाता है.

मशहूर मिसाइलमैन अब्दुल कलाम से लेकर बॉलीवुड कलाकारों ने ये स्थानीय मिठाई खाईं तो इसका स्वाद उनको भा गया.

स्वाद के साथ-साथ इसका नाम भी उन्हें मज़ेदार लगा. 

श्याम चमचम भंडार के मैनेजर चिराग ने बताया कि सर्वप्रथम चमचम का अविष्कार आसकरण हस्तीमल‌ सेवग ने किया. 

आज पोखरण के मिष्ठान भंडारों की अर्थव्यवस्था और पोखरण की पहचान चमचम पर टिकी हुई है. 

यहां पर दो प्रकार की चमचम बनती है जिसमें केसर फ्लेवर व केसर रहित चमचम मिलती है. 

इनकी कीमत 400 से 450 रूपये प्रति किलोग्राम है.