इस गांव में होती है रावण की पूजा

विदिशा से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक रावण गांव है.

यहां रावण को पूजनीय माना जाता है.

कोई भी शुभ कार्य करने से पहले रावण के मंदिर में न्योता दिया जाता है.

जिसके बाद ही कोई भी कार्य गांव में संपन्न होता है.

रावण गांव के लोग रावण को कुल देवता मानते हैं.

शादी करने से पहले नारियल और दीया रखकर उनसे आज्ञा ली जाती है.

यहां पर दीया नहीं रखा तो जिस घर में शादी हो रही है उस घर में तेल की कढ़ाई भी गरम नहीं हो सकती.

गांव में किसी ने नई बाइक या कोई भी वाहन लिया है तो पहले रावण के मंदिर में आता है.

रामायण, भागवत और कथा करने से पहले रावण महाराज के यहां न्योता रखा जाता है.