यह पत्थर दूध को बना देता दही, रोगों को करेगा दूर 

पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर में पुराने समय से पत्थर पर कला की जाती है. 

विश्व में फैली कई पुरानी कलाओं में यहां सबसे ज़्यादा कलाएं दिखाई देती है. 

जैसलमेर के सोनार दुर्ग के प्रथम द्वार पर कृष्णा आर्ट्स नाम से दुकान काफी फेमस है.

संचालित दुकान पर फॉसिल व सैंड स्टोन से बने आकर्षक व खूबसूरत बर्तन मिलते हैं.

दुकानदार ने बताया कि जहां पर आज जैसलमेर है, वहां पहले विशाल समुद्र हुआ करता था.

धरती की उथल-पुथल में समुद्र व समुद्री जीव जमीन में दब गए जो आज पत्थर बन गए हैं.

जिससे इसमें रखा दूध बिना किसी सहायक विलायक की‌ मदद से दही में परिवर्तित हो जाता है. 

इन पत्थर के बर्तनों के उपयोग करने व इसमें बना खाना खाने से कई असाध्य बिमारियों से राहत मिलती है. 

इस फॉसिल पत्थर को जीवाश्म पत्थर भी कहा जाता है.