आसान नहीं है यूरोपीय नदियों का सूखे से उबरना

यूरोप की हर साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी से यहां की प्रमुख नदियां गर्म हो रही है.

इससे ये नदियां निचले स्तर पर बहकर कृषि, पर्यावरण आदि के लिए खतरा बन गई हैं.

निचले स्तर पर बहना नदियों और उनपर निर्भर वन्यजीवन के लिए भी हानिकारक है.

पानी का स्तर गिरने से पौधों और जानवरों के साथ रहने के लिए संघर्ष की स्थिति बनती है.

इसके साथ पानी की गुणवत्ता की कमी पूरे पारिस्तिकी तंत्र में गड़बड़ी पैदा हो जाती है.

वहीं गरम पानी जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन भी बिगाड़ दिया करते हैं.

तापमान बढ़ने से पानी में ऑक्सीजन कम घुलती है जो जलीय जीवों की मुश्किलें बढ़ा देता है.

इससे झीलों में पोषण और शैवाल बढ़ता है, फिर जलीय जीवन में असंतुलन आ जाता है.

वहीं कम पानी से अवसाद सही से नहीं बहता और प्राकृतिक आवास खत्म होते हैं.

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