11 साल में बाल विवाह... NEET के पहले बेटी का जन्म फिर...

बाल विवाह समाज के लिए चुनौती है, जो बच्चों के सपने तोड़ देती है. 

लेकिन, चित्तौडगढ़ के घोसुंदा निवासी रामलाल भोई ने जो मिसाल पेश की उसके बाद तो वह प्रेरणा बन गया.

बाल विवाह के बाद भी रामलाल ने डॉक्टर बनने की ऐसी जिद ठानी कि किसी भी परिस्थिति के आगे नहीं झुका. 

रामलाल ने बताया कि 11 वर्ष की छोटी उम्र में ही बाल विवाह हो गया था. 

उस समय वह कक्षा 6 में पढ़ते थे. शादी के बाद समाज की पिछड़ी सोच के चलते पढ़ाई करना आसान नहीं था. 

करीब छह साल पहले पत्नी ने ससुराल में आकर रहना शुरू कर दिया. 

लगातार नीट की तैयारी में लगा था और सलेक्शन हो नहीं रहा था. इस वजह से हमारे बीच काफी झगड़े होते थे.

नीट यूजी 2023 परीक्षा से छह माह पूर्व ही उसने बेटी को जन्म दिया है. 

लेकिन अब मुझे खुशी है कि मुझे मेरे निवास स्थान के पास ही गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज मिला है.