गरीबी में पढ़ा, मिला 42 लाख का पैकेज
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ये कहानी एकांश सक्सेना की है, वह पीलीभीत जिले के पूरनपुर से हैं.
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जब 10वीं में थे, पिता की आंखों की रोशनी चली गई.
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मां ने प्राइवेट नौकरी से 3 बेटियों और इनकी परवरिश की.
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एकांश ने मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया.
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फीस भरने में मामा ने मदद की, Siemens स्कॉलरशिप भी पाई.
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कॉलेज के दूसरे साल से, पढ़ाई के साथ 20000 की नौकरी करने लगे.
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इसी दौर में पिता को पैरालिसिस हुआ, मां को नौकरी छोड़नी पड़ी.
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पढ़ाई के साथ बेटे ने 60 हजार रुपये महीना की इंटर्नशिप पाई.
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फिर उसी कंपनी ने उन्हें 42 लाख का पैकेज ऑफर किया, वे यहीं काम करते हैं.
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