जानिए ईद ए मिलाद उन नबी से जुड़ी कुछ बातें

जानिए ईद ए मिलाद उन नबी से जुड़ी कुछ बातें

सूफी या बरेलवी विचारधारा से जुड़े मुसलमान पैगंबर मुहम्मद की जयंती को ईद मिलाद-उन-नबी के रूप में मनाते हैं

जिसे ईद-ए-मिलाद भी कहा जाता है, जिसे बोलचाल की अरबी में नबीद और मावलिद भी कहा जाता है

यह उत्सव इस्लामी कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल के दौरान होता है

इस साल ईद-ए-मिलाद सऊदी अरब में 27 सितंबर को और भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका के अन्य हिस्सों में 28 सितंबर को मनाया जाएगा

पैगंबर मुहम्मद की जयंती मनाने का इतिहास शुरुआती चार रशीदुन खलीफाओं से मिलता है

 इस दिन को मनाने का विचार फातिमियों द्वारा शुरू किया गया था

अरबी में मावलिद शब्द का अर्थ जन्म होता है

कुछ लोग ईद-ए-मिलाद को शोक दिवस के रूप में भी मानते हैं क्योंकि इसे पैगंबर मुहम्मद की मृत्यु तिथि भी माना जाता है

ईद-ए-मिलाद पहली बार आधिकारिक तौर पर Egypt में मनाया गया और 11वीं शताब्दी में इसे लोकप्रियता मिली

ईद-ए-मिलाद समारोह समय के साथ विकसित हुआ है. Egypt में प्रारंभिक समारोहों में प्रार्थनाएँ, कुरान की आयतें और एक बड़ा सार्वजनिक भोज शामिल होता है