अनोखी तपस्या: जूनागढ़ के संत ने अपने शरीर पर उगाए गेहूं

कहते हैं कि आस्था की कोई सीमा नहीं होती है.

जूनागढ़ में आबू के एक संत ने अपने शरीर पर गेहूं के जवारे बोए हैं.

नवरात्रि पर अन्न-जल त्याग कर अनुष्ठान कर रहे हैं. 

जूनागढ़ को संतों की भूमि कहा जाता है. 

यहां संतों की भूमि में कई संत अलग-अलग तरीके से माता की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

देवचित्र महादेव मंदिर के महंत जूनागढ़ के प्राचीन काशी विश्वनाथ महादेव मंदिर में साधना करने पहुंचे हैं.

जगन्नाथ गिरी महाराज ने जमीन पर लेटकर अपने शरीर पर मिट्टी लगाई और  गेहूं के जवारे लगाए है. 

गेहूं के जवारे महंत के शरीर पर विकसित भी हो रहे हैं.