Shikha Pandey
सुशांत ने इंजीनियरिंग छोड़कर थियेटर का रूख किया और फिर एक्टिंग के अपने जुनून को पूरा किया.
सुशांत का आज बर्थ एनिवर्सरी है, लेकिन दुर्भाग्य से वह आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट करने के लिए फैंस के बीच नहीं हैं.
उनकी फिल्मों के कई ऐसे डायलॉग्स हैं, जो लोगों के जीवन को जीने के प्रेरणा तो देती हैं तो कुछ डायलॉग्स हैं, जो आंखों को नम भी कर देते हैं.
'गैंग से तो भाग लूंगा वकील, अपने आप से कैसे भागूंगा'- फिल्म- 'सोन चिड़िया'
'जिस महफिल ने ठुकराया हमको, क्यों उस महफिल को याद करें, आगे लम्हा बुला रहा, आओ उसके साथ चलें' फिल्म- 'पीके'
'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है.' फिल्म- 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी'
'अगर रोजे नहीं रखे तो फिर ईद का क्या मजा'. फिल्म- 'राबता'
'सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता'. फिल्म- 'छिछोरे'
'हम हार जीत, सक्सेस फेलियर में इतना उलझ गए है कि ज़िन्दगी जीना भूल गए है. ज़िन्दगी में अगर कुछ सबसे ज़्यादा जरुरी है तो वो है खुद जिंदगी'. फिल्म- 'छिछोरे'
'जन्म कब लेना है और मरना कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते लेकिन कैसे जीना है वो हम डिसाइड कर सकते हैं.' फिल्म- 'दिल बेचारा'