अधिकमास की अमावस्या, भूलकर भी ना करें ये काम

हिंदू धर्म में अधिकमास का महीना पूजा पाठ, जप, तप, दान के लिहाज से बहुत खास माना जाता है. 

अधिकमास अमावस्या और पूर्णिमा पर्व की तरह मनाई जाती है. 

अधिकमास की अमावस्या 3 साल बाद आती है. इस बार यह तिथि 16 अगस्त को पड़ रहा है. 

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला बताते हैं कि अमावस्या तिथि को विशेषकर पितरों के निमित्त मानी जाती है. 

इसलिए हमारे पंचांगकर्ताओं के अनुसार अमावस्या तिथि को विशेषकर जिस समय पितरों का समय होता है.

इस दिन किए गए पिंडदान, तर्पण और दान से सात पीढ़ियों तक पूर्वजों को तृप्ति मिलती है.

परिवार में दुःख दूर होकर खुशियों का आगमन होता है. तरक्की के रास्ते खुलते हैं. 

इस दिन कुंडली से पितृदोष संबंधी ग्रह दोष को दूर करने के लिए इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद चढ़ाना चाहिए. 

अधिकमास अमावस्या पर पितृसूक्त का पाठ करने से वैवाहिक जीवन में तनाव दूर होता है.