पिछले हफ्ते बाजार में तेजी की जगमगाहट थी, हर कोई इसकी रोशनी में नहाना चाहता था. लेकिन बस कुछ दिनों में फिजा बदल गई
गिरावट
अब हर कोई इससे दूर भागता नजर आ रहा है. आखिर इस बाजार को हुआ क्या है जिसकी गिरावट अब थमने का नाम नहीं ले रही है
देखने को मिली गिरावट
निफ्टी पर अपोलो हॉस्पिटल और सन फार्मा टॉप गेनर हैं जबकि मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हिंडाल्को, टाइटन कंपनी और टाटा स्टील में सबसे ज्यादा गिरावट दिख रही है
सेंटिमेंट को हिला रख
मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों की हालत तो और खराब है. वहां मार ज्यादा है. लेकिन ऐसा क्या बदला जिसने निवेशकों के सेंटिमेंट को हिला कर रख दिया
मंदी का डर
अमेरिका के मंदी के दौर में प्रवेश करने की आशंका बढ़ गई है. क्योंकि मंदी का संकेत देने वाला साहम मंदी इंडीकेटर 0.5 अंक से ऊपर दिख रहा है. ये मंदी की संभावना का संकेत है
जापान की मॉनेटरी नीति
जापान ने 0.25% ब्याज दर बढ़ाकर आग में घी डालने का काम किया, इससे सेंटीमेंट्स बुरी तरह हिल चुके हैं. जापान का बाजार निक्केई अब तकनीकी रूप से Baer मार्केट में आ चुका है
ईरान-इज़राइल तनाव
मांग में कमी के कारण तेल की कीमतें इस समय 8 महीने के निचले लेवल पर हैं. इसलिए, बाजार कच्चे तेल की कीमतों के संकेतों के लिए मध्य पूर्व पर कड़ी नज़र रखेगा
पहली तिमाही के नतीजे
मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि खराब डील माहौल, रिकॉर्ड हीटवेव और सुस्त मांग के बीच जून में समाप्त तिमाही के नतीजे कमजोर रहे हैं. इस अवधि के अब तक आए नतीजे सालाना आधार पर लगभग फीसदी कमजोर रहे हैं
नए ट्रिगर्स का अभाव
बाजार की आगे चाल का अंदाजा लगाने के लिए नतीजों के बजट और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर देख रहे थे. हालांकि, इन सभी इवेंट्स के पूरे हो जाने के बाद, बाजारों में ऐसे नए ट्रिगर्स का अभाव है जो तेजी को बढ़ा सकें