रामलला की पूजा

नई पद्धति से

Lifestyle

मकर संक्रांति के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे

इसके बाद रामलला की पूजा के लिए खास अर्चक नियुक्त होंगे

विशेष पूजा-पद्धति अपनाई जाएगी. रोजाना की पूजा के लिए पुजारियों की जरूरत होगी

इन पुजारियों का नाम श्री राम जन्मभूमि अर्चक प्रशिक्षण रखा गया है

प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामानंदीय परंपरा के अनुसार पूजा पाठ होगा

मुख्य पुजारी, सहायक पुजारी और सेवादारों के लिए रामानंदीय पूजा पद्धति से रामलला की पूजा होगी

इसमें इन सभी के वस्त्र पहनने के तरीके समेत पूजा की कई चीजे निर्धारित होंगी.

हनुमान चालीसा की तरह रामलला की स्तुति के लिए नई पोथी (किताब) होगी 

इसकी रचना हो चुकी है और उसे अंतिम रूप देने का काम हो रहा है

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