फेविकोल बनाने वाले की बेजोड़ कहानी, यूं बनी अरबों की कंपनी

फेविकोल की तरह इस कंपनी के मालिक की कहानी भी जोरदार है.

बलवंतराय कल्याणजी पारेख ने कानून की पढ़ाई की थी.

वकालत करने के बजाय पारेख ने टिम्बर कंपनी में नौकरी की.

लॉ ग्रेजुएट होने के बाद भी उन्होंने कंपनी में चपरासी की जॉब की.

मुश्किल वक्त में वे अपनी पत्नी के साथ गोदाम में रहते रहे.

1954 में, वह मुंबई में पारेख डाइकेम इंडस्ट्रीज में शामिल हो गए.

इस इंडस्ट्री में उन्होंने पिगमेंट इमल्शन बनाने का काम शुरू किया.

बलवंत पारेख ने 1959 में पिडिलाइट की स्थापना की.

अब पिडिलाइट इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप लगभग 1.24 खरब रुपये है.

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