केले का आकार हमेशा टेढ़ा ही क्यों होता है, सीधा क्यों नहीं?

जब केले बढ़ रहे होते हैं, तो वो नेगेटिव जियोट्रॉपिज्म की प्रक्रिया से गुजरते हैं.

जियोट्रॉपिज्म का अर्थ है ग्रैविटी के संबंध में पौधों की ग्रोथ.

पत्तियां या फिर पौधों की जड़े अक्सर ग्रैविटी के विपरीत, सूरज की दिशा में बढ़ती हैं.

जबकि ग्रैविटी की दिशा में ग्रोथ होने को पॉजिटिव जियोट्रॉपिज्म कहते हैं.

केले उल्टे लगे होते हैं, यानी निचला भाग ऊपर की ओर होता है.

जैसे-जैसे बड़े होते हैं, वो लंबे होने लगते हैं.

पर फिर उनका निचला हिस्सा सूर्य की दिशा में ऊपर की ओर बढ़ने लगता है.

क्योंकि उन्हें भी सूर्य की किरणों की जरूरत होती है.

केलों में ऑक्सिन नाम का एक प्लांट हॉर्मोन होता है जो सूर्य की किरणों की ओर प्रतिक्रिया तय करता है.