माना जाता है कि कसरत करने का सही समय सुबह का होता है.
देखा गया है कि अलग अलग समय पर कसरत करने वालों की जिंदगी अलग होती है.
वहीं दोपहर को कसरत करने वाले, सुबह या शाम वालों की तुलना में लंबा जी सकते हैं.
दिन में किसी भी समय मध्यम से तीव्र एक्टिविटी कुछ ना करने से तो बेहतर ही है.
सुबह शाम के मुकाबले, दिन में शरीर की मेहनत करने वालों में, मरने का जोखिम कम है.
मध्यम से तीव्र शारीरिक सक्रियता के महत्व को समझना और जरूरी है.
इससे सभी वजह से होने वाली मौत को रोका या उसका जोखिम कम किया जा सकता है.
अहम ये है कि कसरत और शारीरिक गतिविधि को रूटीन का हिस्सा बनाना ज्यादा जरूरी है.
कि यह अपनी सुविधा के मुताबिक करने से ये लंबे समय तक कायम रखा जा सकेगा.