इंदौर जाएं तो यहां जरूर जाएं
इंदौर जाएं तो यहां जरूर जाएं
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से करीब 55 किमी की दूरी पर जाम गेट है.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से करीब 55 किमी की दूरी पर जाम गेट है.
यहां दूर-दूर से लोग प्रकृति की गोद में बसे ऐतिहासिक खूबसूरत गेट को निहारने आते हैं.
यहां दूर-दूर से लोग प्रकृति की गोद में बसे ऐतिहासिक खूबसूरत गेट को निहारने आते हैं.
सुहाना मौसम, रिमझिम बारिश और दिन रविवार हो तो सैलानियों का जमघट लग जाता है.
सुहाना मौसम, रिमझिम बारिश और दिन रविवार हो तो सैलानियों का जमघट लग जाता है.
यह एक पहाड़ी पर स्थित पुराने जमाने का गेट है, जो अपने स्थापत्य कला के लिए मशहूर है.
यह एक पहाड़ी पर स्थित पुराने जमाने का गेट है, जो अपने स्थापत्य कला के लिए मशहूर है.
इंसानों द्वारा बनाए गए इस दरवाजे के आस-पास प्रकृति का अनुपम सौंदर्य है.
इंसानों द्वारा बनाए गए इस दरवाजे के आस-पास प्रकृति का अनुपम सौंदर्य है.
जाम गेट व रोड का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने कराया था.
जाम गेट व रोड का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होलकर ने कराया था.
महारानी इस मार्ग का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाने के लिए करती थीं.
महारानी इस मार्ग का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाने के लिए करती थीं.
जाम गेट इंदौर शहर की महू तहसील में स्थित है, यहां पर घुमावदार घाट है.
जाम गेट इंदौर शहर की महू तहसील में स्थित है, यहां पर घुमावदार घाट है.
जाम घाट की ऊंची पहाड़ी पर जाम गेट नामक स्मारक है, जो कि बहुत सुंदर है.
जाम घाट की ऊंची पहाड़ी पर जाम गेट नामक स्मारक है, जो कि बहुत सुंदर है.
बाप रे! इतने महंगे गुड़ के लड्डू..
बाप रे! इतने महंगे गुड़ के लड्डू..