कचौड़ी नहीं कचौड़ा है ये, वो भी 11 इंच का
भीलवाड़ा में कचौरी नहीं कचौरा मिलता है.
शहर के गंगापुर चौराहे में सांवरिया नसीराबाद स्टाल में 11 इंच का कचौरा बनता हैं.
इस कचौरा को खाने में कम से कम 2-3 लोग लगते हैं.
इसे बिना चटनी के भी लोग चट कर जाते हैं.
इसके स्वाद का पूरा शहर दीवाना हो रहा है.
शाम होते ही यहां लोगों की भीड़ जम जाती है.
दुकानदार रोहित ने अजमेर जिले के नसीराबाद में कचौरा बनाना सीखा.
मूंगफली तेल और खास गर्म मसालों के साथ इसे तैयार करते हैं.
यह कचौरा 25 रुपये का 100 ग्राम मिलता है.
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