"नमः शिवाय" शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र है, इसके निरंतर जप से शिव कृपा अवश्य मिलती है.

"ॐ नमः शिवाय" जन कल्याण या दूसरों के कल्याण के निमित्त इस मंत्र को पढ़ना चाहिए.

"ॐ हौं जूं सः" इसका जप असाध्य रोगों से मुक्ति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है.

स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूं ह्रौं ॐ।". जब मृत्यु जैसी स्थिति हो, तब इस मंत्र का  जाप करते हैं.

शिव तांडव स्तोत्र भगवान शिव के परम भक्त रावण द्वारा की गई एक विशेष स्तुति है.

दारिद्रय दहन स्तोत्र. इसका पाठ करने से दरिद्रता का नाश होता है.

भगवान शिव के मंत्र जाप के नियमों का भी पालन करना चाहिये.

भगवान शिव के मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करना उत्तम होता है.

 मंत्र जाप अगर प्रदोष काल में किया जाए तो सर्वोत्तम होगा.

मंत्र जाप करने से पहले शिवजी के कल्याणसुंदरम स्वरूप का ध्यान करना चाहिए.

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