कहां से आता है सरकार के पास इतना पैसा?

सरकार के फाइनेंशियल केलेंडर में केंद्रीय बजट सबसे अहम है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी

अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेंगी, वह जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी

आप आसानी से बजट को समझ सकते हैं इससे आपको बजट को समझना बहुत आसान हो जाएगा

बजट में सरकार के रेवेन्यू के तीन Source होते हैं पहला है टैक्स रेवेन्यू, दूसरा है नॉन-टैक्स रेवेन्यू और तीसरा है Disinvestment 

GDP ग्रोथ का डेटा हर तिमाही ओर सालाना आधार पर जारी करती है

नॉमिनल GDP को इनफ्लेशन से एडजस्ट के बाद जो डेटा आता है वह रियल GDP होता है

आप टैक्स रेवेन्यू का अंदाजा लगा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि इंडिया में GDP का रेशियो आम तौर पर 11% होता है

Tax Revenue

इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस वित्त वर्ष में 15.37 लाख करोड़ का अनुमान लगाया गया है

डिसइनवेस्टमेंट को सरकार की फिस्कल पॉलिसी का अहम हिस्सा माना जाता है

Disinvestments

 बजट में तय 65,000 करोड़ रुपये के यह टारगेट का 54% था

सरकार अपने फिस्कल डेफिसिट को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है

Fiscal Deficit

इसके लिए वह बॉन्ड्स ओर इस तरह के दूसरे Instrument जारी करती है